Friday, February 26, 2010

तेरे..............

जब तन जल रहा था! तब
पता ही नहीं चला कि
मन भी जल चूका था!
तुम्हे डरने कि जरूरत नहीं है!
क्योंकि तुम उधर थे ही नहीं!

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