तुम ने दिखाया सगार को
लेकिन मैंने देखा
तुम ने दिखाया आकाश
लेकिन मैंने चाहा
सात रंगों के इन्द्रधनुष!
तुम ने दिया लाल गुलाब
लेकिन मुझे चाहिए था कि
मेहेकते हुई जाजी फूल!
क्या कुछ नहीं पाया में! क्या
कुछ कमी तो नहीं, लेकिन
जिसे चाहती थी हो नहीं मिला!
गलती तो मेरी नहीं थी पिया!
यह मेरी पागल सी मन कि थी!
जिसे सूरज देखा ! उसे कवी देखा!
जो दिखा, जो न दिखा सब चाहते
नींद खाई ही हूँ में!
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